आखिर फरियादियों की बात सुनता क्यों नहीं शासन प्रशासन

राज्य महिला आयोग सदस्य हिमानी अग्रवाल ने की आमरण अनशन पर बैठी राखी पहलवान से मुलाकात

गाजियाबाद। बिना किसी कारण और बिना आरोप लगाए ससुरालियो ने विवाह के लगभग 10 माह पश्चात नई नवेली बहू राखी पहलवान को घर से निकाल दिया। बहु राखी पहलवान के मायके वालों ने कारण पूछा तो कोई जवाब नहीं मिला। अपना घर परिवार बचाने और पुनः घर जाने की मांग को लेकर बहु राखी पहलवान का जिलाधिकारी कार्यालय पर छठे दिन भी आमरण अंशन जारी है। अभी तक किसी भी शासन प्रशासन के अधिकारी ने राखी पहलवान की समस्या का समाधान करने की कोशिश भी नहीं की है।


राज्य महिला आयोग द्वारा मामले का संज्ञान लेने पर जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर राखी पहलवान के अनशन स्थल पर राज्य महिला आयोग की सदस्य हिमानी अग्रवाल ने पहुंच कर मुलाकात कर उनको तुरंत न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। वहीं अनशन पर बैठी राखी पहलवान के समर्थन में सामाजिक संगठनों और महिलाओं का समर्थन लगातार बढ़ता जा रहा है। राखी ने कविनगर के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) को एक प्रार्थना पत्र सौंपा, जिसमें त्वरित कार्रवाई की मांग की गई है।


राखी का आरोप है कि ससुराल वालों ने बिना किसी कारण के उन्हें घर से निकाल दिया। इसके अलावा, उनके ससुराल वाले उन पर तलाक का दबाव बना रहे हैं और मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। राखी के समर्थन में विभिन्न राजनीतिक संगठनों ने प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें राखी को त्वरित न्याय दिलाने की मांग की गई। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने राखी के साथ अपनी एकजुटता दिखाई और कहा कि यह मामला केवल एक महिला की नहीं, बल्कि समाज में महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय का प्रतीक है।

वहीं दोपहर 1 बजे के करीब उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य हिमानी अग्रवाल ने राखी से मुलाकात की। हिमानी ने राखी की पूरी बात सुनी और उनके द्वारा लगाए गए आरोपों को गंभीरता से लिया। उन्होंने राखी को आश्वासन दिया कि उनकी शिकायत को संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा और इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। हिमानी ने कहा, “महिलाओं के खिलाफ किसी भी तरह का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम राखी के मामले की पूरी जांच करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें न्याय मिले। राखी और उसके परिजनों ने कवि नगर के एसीपी को एक प्रार्थना पत्र सौंपा। इस पत्र में राखी ने अपने ससुराल वालों पर उचित कार्रवाई की मांग की है।

एक अन्य सामाजिक कार्यकर्ता, सिमरन रंधावा, ने कहा कि यह केवल राखी का मामला नहीं है, बल्कि यह समाज में महिलाओं की स्थिति को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “जब तक समाज में महिलाओं के प्रति सोच नहीं बदलेगी, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। हम राखी के साथ हैं और उनकी लड़ाई को अंत तक लड़ेंगे। राखी ने कहा, “मैं तब तक अनशन जारी रखूंगी, जब तक मुझे न्याय नहीं मिलता।
राखी का अनशन न केवल उनके व्यक्तिगत मामले को उजागर कर रहा है, बल्कि यह समाज में महिलाओं के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के मुद्दे को भी सामने ला रहा है। सामाजिक संगठनों का कहना है कि राखी की हिम्मत और दृढ़ संकल्प अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

——————–
वरिष्ठ पत्रकार श्री राम की रिपोर्ट

Leave a Comment