लाठी चार्ज के विरोध में 12 दिन से कर रहे हैं अधिवक्ता धरना

गाजियाबाद। अधिवक्ताओं पर लाठी चार्ज के 12 दिन बाद अधिवक्ताओं की लड़ाई कोर्ट परिसर से अब सड़क पर पहुंच गई है। सोमवार को बड़ी संख्या में अधिवक्ता एकत्रित हुए और उन्होंने जिला मुख्यालय के सामने गाजियाबाद हापुड़ रोड पर जाम लगाकर धरना प्रदर्शन करते हुए जिला जज को बर्खास्त करने एवं लाठी चार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में अधिवक्ता हड़ताल पर है और प्रतिदिन धरना प्रदर्शन कर रहे हैं उन्होंने भी सोमवार को अधिकांश जिलों में सड़कों पर जाम लगाकर धरना प्रदर्शन किया। सड़क जाम के दौरान लोगों को काफी परेशानी हुई। हालांकि पुलिस ने नए बस अड्डे की तरफ से आने वाले वाहनों को हापुड़ तिराहे और गोविंदपुरम की तरफ से आने वाले वाहनों को हापुर चुंगी पर डायवर्ट कर दिया था। गाजियाबाद में सड़क जाम कर धरने के दौरान बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं के साथ महिला अधिवक्ता भी शामिल रही। इस दौरान अधिवक्ताओं ने उनकी मांगे माने जाने तक धन्ना प्रदर्शन जारी रखने की चेतावनी दी।

बता दे की 29 अक्टूबर को एक जमानत अर्जी पर बहस को लेकर जज अनिल कुमार की कोर्ट में वकीलों के साथ हुई तीखी नोंकझोक के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया गया था। कोर्ट रूम में लाठीचार्ज के बाद गाजियाबाद समेत पूरे प्रदेश और यहां तक की दिल्ली के अधिवक्ता भी आक्रोशित हो गए। मामले को बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी गंभीरता से लिया था। इस घटना के विरोध में वकील चार नवंबर से हड़ताल पर चले गए। गाजियाबाद के अधिवक्ताओं के समर्थन में पहले दिन पूरे प्रदेश के अधिवक्ताओं ने काम का बहिष्कार कर विरोध दिवस मनाया। विरोध दिवस में इलाहाबाद हाई कोर्ट, लखनऊ बैंच और दिल्ली के जिला बार एसोसिएशन भी काम से विरत रहे। गाजियाबाद के वकील उसी दिन से हड़ताल कर धरने पर बैठे हैं।
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वरिष्ठ पत्रकार श्री राम की रिपोर्ट