60 दिन में पैसा 2 गुना करने का लालच देकर

महिला से 15 लाख की ठगी : क्रिप्टोकरंसी ‘बिटकैपिटलएक्स’ स्कीम का महाघोटाला उजागर

गाजियाबाद। कम समय में ज्यादा पैसा कमाने का लालच देकर ठगी करने वाली कंपनियां नित्य नए-नए हथकंडे अपना रही है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें बिटकैपिटलएक्स नामक एक फर्जी कंपनी के संचालकों द्वारा एक महिला आरती ( काल्पनिक नाम ) से 15 लाख की ठगी की गई है। पीड़ित महिला को लालच दिया गया था कि उसके द्वारा लगाया गया पैसा 60 दिनों में दोगुना होकर उसको वापस मिल जाएगा।

ठगी की शिकार महिला आरती में जानकारी देते हुए बताया कि यह मामला ‘बिटकैपिटलएक्स’ नामक फर्जी क्रिप्टो कॉइन स्कीम से जुड़ा है जिसने देशभर में हजारों निवेशकों को ठगकर करीब 1500 करोड़ रुपये का महाघोटाला किया है। पीड़िता आरती ने अपनी आपबीती साझा करते हुए बताया कि इस गिरोह ने 60 दिनों में निवेश दोगुना करने का लालच देकर उन्हें फंसाया। यह घोटाला जून 2025 में शुरू हुआ था जब ‘बिटकैपिटलएक्स’ ने खुद को एक क्रांतिकारी क्रिप्टो प्रोजेक्ट के रूप में प्रचारित किया। इस कंपनी द्वारा मल्टी-लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) मॉडल के जरिए छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों की रहने वाले लोगों को निशाना बनाया गया।

गाजियाबाद जैसे क्षेत्रों में ऑनलाइन वेबिनार, स्थानीय इवेंट्स और सोशल मीडिया कैंपेन के माध्यम से निवेशकों को लुभाया जाता था। शुरुआत में छोटे रिटर्न देकर भरोसा जीता जाता, फिर बड़े निवेश करवाए जाते। फर्जी सिम कार्ड, म्यूल बैंक खातों और क्रिप्टो वॉलेट्स के जरिए पैसे ट्रांसफर किए जाते, जिससे ट्रेल छिपाना आसान हो जाता। आरती ने बताया की “कंपनी ने ‘बिटकैपिटलएक्स कॉइन’ के वैश्विक बाजार में उभरने का दावा किया लेकिन कोई रजिस्ट्री, वैध लाइसेंस या रेगुलेटरी अप्रूवल नहीं दिखाया। मैंने 15 लाख रुपये निवेश किए जो मेरी जमा-पूंजी का बड़ा हिस्सा था। अब वे पैसे लौटाने से इंकार कर रहे हैं।” आरती के मुताबिक उन्होंने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा और नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर भी रिपोर्ट दर्ज कराई।


आरती ने बताया इस स्कीम का जाल पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों तक फैला है। हाल ही में गोवा, थाईलैंड और लखनऊ में इस गैंग ने लग्जरी पार्टियां आयोजित कीं, जहां नए निवेशकों को फंसाया गया। इस फर्जी कंपनी का मुख्य कर्ताधर्ता आरोपी बृजेश कुमार पुत्र नंद किशोर, मूल निवासी शामपुर रोपड़ पंजाब, स्थायी पता रांची, झारखंड, और नीलेश प्रताप सिंह पुत्र राजेश प्रताप सिंह निवासी पूरे मर्दन सिंह, रायबरेली, उत्तर प्रदेश अस्थायी पता: धनास, चंडीगढ़) फरार हैं।

पीड़िता ने बताया कि इनके तार पकिस्तान से भी जुड़े हैं। इनके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन को देखते हुए पीड़िता ने लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी करने और ईडी सीबीआई व साइबर विशेषज्ञों की जांच की मांग की है।

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 वरिष्ठ पत्रकार श्री राम की रिपोर्ट

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