हमें विरासत में मिली है नूर साहब की गंगा-जमुनी तहजीब : डॉ. माला कपूर ‘गौहर’

गाजियाबाद। गंगा-जमुनी तहजीब के प्रतिनिधि शायर कृष्ण बिहारी नूर की 100 वी जयंती पर आयोजित ‘महफिल ए बारादरी’ में देश के शायर और कवियों ने उन्हें भाव पूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।कार्यक्रम अध्यक्ष इरफान आज़मी ने कहा कि हमें संकल्प लेना चाहिए कि नूर साहब की विरासत को हम इस देश की नहीं दुनिया की पहचान के तौर पर स्थापित करें। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि नीना ‘सहर’ ने कहा कि आधुनिक शायरी में गंगा-जमुनी तहजीब को नूर साहब ने बुलंदियों पर पहुंचाने का काम किया। संस्था के अध्यक्ष गोविंद गुलशन ने कहा कि तहजीब के शहर लखनऊ से आए नूर साहब ने हिंदी उर्दू शायरी को एक अलग तहजीब दी।
नेहरू नगर स्थित सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल में आयोजित ‘बारादरी’ में संस्था की संस्थापिका डॉ. माला कपूर ‘गौहर’ ने कहा कि नूर साहब की एक-एक पंक्ति दर्शन और आध्यात्म का बेहतरीन नमूना है। उनकी काव्य और जीवन यात्रा भले ही लखनऊ से शुरू हुई लेकिन उसे विश्राम गाजियाबाद में मिला। हम इस बात पर गर्व कर सकते हैं कि नूर साहब की गंगा-जमुनी तहजीब हमें विरासत में मिली है। जिसे संभाल कर रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। इस अवसर पर इरफान आज़मी, गोविंद गुलशन, डॉ. माला कपूर ‘गौहर’, मासूम गाजियाबादी, सुरेंद्र सिंघल, नीना ‘सहर’, तरुणा मिश्रा और खुर्रम ‘नूर’ ने अपने अशआर के जरिए भावांजलि पेश की। गौरतलब है कि कृष्ण बिहारी नूर का निधन 30 मई 2003 को गाजियाबाद में ही हुआ था।
कार्यक्रम में डॉ. सुधीर त्यागी को ‘बारादरी जीवन पर्यन्त साहित्य सृजन सम्मान’ से अलंकृत किया गया। कार्यक्रम का संचालन तरुणा मिश्रा ने किया। इस अवसर पर जगदीश पंकज, बी. के. वर्मा ‘शैदी’, सुधा गोयल, वेद प्रकाश ‘वेद’, वी. के. शेखर, रवि पाराशर, विपिन जैन, डॉ. तारा गुप्ता, अनिमेष शर्मा ‘आतिश’, ईश्वर सिंह तेवतिया, ताबिश ख़ैराबादी, असलम राशिद, डॉ. रणवीर सिंह परमार, इंद्रजीत सुकुमार, सुधा गोयल, संजीव शर्मा, संजीव निगम ‘अनाम’, प्रदीप भट्ट, डॉ. नरेंद्र शर्मा, शोभना श्याम, डॉ. राजेश श्रीवास्तव ‘राज’, सोनम यादव, मनीषा जोशी, दीपक कुमार श्रीवास्तव ‘नीलपद्म’, उषा श्रीवास्तव, विनोद तोमर, विनय विक्रम सिंह, पवन कुमार तोमर, विवेक वशिष्ठ, तूलिका सेठ, कपिल खंडेलवाल, की रचनाएं भी भरपूर सराही गईं। संयोजक आलोक यात्री ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर डॉ. स्मिता सिंह, पंडित सत्यनारायण शर्मा, राधा रमण, मोनी गोपाल ‘तपिश’, डॉ. संजय जैन, डॉ. उर्वी उदल, डॉ. सुमन गोयल, राष्ट्र वर्धन अरोड़ा, वागीश शर्मा, हेम कृष्ण जोशी, राकेश मिश्रा, वीरेंद्र कुमार राठौर, शकील अहमद सैफ,
अक्षयवर नाथ श्रीवास्तव, शरवत उस्मानी, उत्कर्ष गर्ग, आशीष मित्तल और शशिकांत भारद्वाज सहित बड़ी संख्या में श्रोता मौजूद थे।


