जिला जज आशीष गर्ग की मौत पर अधिवक्ताओं ने उठाए सवाल

 एफआईआर और एम्स पैनल से जांच की मांग

गाज़ियाबाद। जिला जज आशीष गर्ग की यशोदा अस्पताल, इंदिरापुरम में कथित लापरवाही से हुई मौत के मामले में अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को जिलाधिकारी से मिला और मुख्य न्यायमूर्ति, उच्चतम न्यायालय, मुख्य न्यायमूर्ति, उच्च न्यायालय एवं जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सौंपा। अधिवक्ताओं ने इस मामले में अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और एम्स के डॉक्टरों का पैनल बनाकर निष्पक्ष जांच कराने की मांग की।

ज्ञापन में कहा गया कि 11 अगस्त को अंतिम संस्कार से पूर्व जिला जज के शरीर पर नाभि के चारों ओर 9 से 10 टेप व छेद और बाएं हाथ पर कट का निशान मिला। अधिवक्ताओं का आरोप है कि लिपरोस्कोपी सर्जरी में सामान्यत: 3 से 4 कट ही लगाए जाते हैं, लेकिन यहां आवश्यकता से अधिक छेद किए गए, जिससे संभवतः आंतरिक क्षति हुई और उनकी मृत्यु हो गई।

अधिवक्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि इससे पहले भी इसी अस्पताल में हर्निया ऑपरेशन के बाद एक मरीज की मौत हो चुकी है। उन्होंने मामले को “तकनीकी चिकित्सा के नाम पर मरीजों से पैसे ऐंठने की प्रवृत्ति” करार देते हुए कहा कि जिला जज की मौत को अस्पताल प्रबंधन ने हृदयघात बताकर मामला समाप्त करने की कोशिश की।

प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि मामले में तुरंत एफआईआर दर्ज कराई जाए, एम्स के डॉक्टरों से निष्पक्ष जांच कराई जाए और जिला जज के परिवार को न्याय दिलाया जाए। इस दौरान  एडवोकेट हरेंद्र गौतम की नेतृत्व में बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहें।

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वरिष्ठ पत्रकार श्री राम की रिपोर्ट

 

 

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