आधिकारिक रूप से देश का नाम इंडिया की जगह हो भारत
नई दिल्ली। इंडिया – जी हां हमारा अपना प्रिय देश इंडिया जो कई और नामों से जाना जाता है जिनमें भारत और हिंदुस्तान मुख्य है। इसी इंडिया का नाम एक बार फिर अखंड भारत रखने की दिशा में गाजियाबाद निवासी नमह पिछले 5 सालों से लगातार कानूनी लड़ाई लड़ रहे है। याचिकाकर्ता नमह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर यह मांग उठाई थी कि देश का आधिकारिक नाम India की जगह केवल Bharat रखा जाए।
एक विशेष मुलाकात के दौरान नमह ने जानकारी देते हुए बताया की सुप्रीम कोर्ट ने जून 2020 में इस याचिका को निस्तारित करते हुए इसे संबंधित मंत्रालयों के समक्ष प्रतिनिधित्व मानने का निर्देश दिया था। इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने मार्च 2025 (W.P.(C)1433/2025) में स्पष्ट किया की याचिकाकर्ता इस मामले को केंद्र सरकार के पास ले जा सकता है। संसदीय कार्य मंत्रालय और विधि एवं न्याय मंत्रालय (विधायी विभाग) से हालिया पत्राचार में यह साफ़ कर दिया गया कि यह मामला संविधान के अनुच्छेद 1 से संबंधित है और इस पर निर्णय लेने की ज़िम्मेदारी गृह मंत्रालय (MHA) की है।
*क्यों केवल भारत?*
संविधान की मूल भाषा कहती है:
“India, that is Bharat, shall be a Union of States.”
याचिकाकर्ता नमह का कहना है कि इंडिया एक औपनिवेशिक थोपन है जबकि भारत हमारी सभ्यता, संस्कृति और इतिहास का वास्तविक परिचायक है। यह केवल नाम का नहीं बल्कि राष्ट्रीय अस्मिता , गरिमा और संप्रभुता का प्रश्न है।
*याचिकाकर्ता नमह की मांगे*
1. अनुच्छेद 1 में संशोधन कर केवल भारत नाम को आधिकारिक मान्यता दी जाए।
2. सभी सरकारी दस्तावेज़ों, पासपोर्ट, मुद्रा और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत नाम ही इस्तेमाल किया जाए।
3. संयुक्त राष्ट्र (UN) सहित सभी वैश्विक संस्थाओं में देश का प्रतिनिधित्व Bharat नाम से हो।
याचिकाकर्ता का कहना है कि 75 साल की आज़ादी के बाद भी देश औपनिवेशिक नाम ढो रहा है, जबकि अब भारत को अपनी असली पहचान के साथ दुनिया के सामने खड़ा होना चाहिए।
अब यह मामला सीधे गृह मंत्रालय के पास है, जिसे सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेशों के अनुरूप निर्णय लेना है।