गाजियाबाद। पुलिस समाज की सुरक्षा के लिए है लेकिन जब वही पुलिस आम नागरिक के साथ सहयोग करने की बजाय उल्टा उनके साथ ही दूर व्यवहार करें उनका उत्पीड़न करें तब आम आदमी किसके पास अपनी शिकायत लेकर जाए।
ऐसी ही एक घटना एक दैनिक समाचार पत्र की समाचार संपादक अपूर्वा चौधरी के साथ हुई। ज़ब वह अपनी गाड़ी से हुई दुर्घटना से संबंधित शिकायत दर्ज कराने हेतु मधुबन बापूधाम थाने गई। संबंधित थाना पुलिस ने उनके साथ हुई घटना की शिकायत लेने की बजाय उल्टा उनके साथ ही तानाशाही दिखाते हुए दुर्व्यवहार किया। पत्रकार अपूर्वा चौधरी ने बताया कि उन्होंने इस पूरे प्रकरण की लिखित शिकायत पुलिस आयुक्त को 28 जून को दी थी तथा पुलिस आयुक्त ने भी मामले में त्वरित कार्यवाही का आश्वासन दिया था। लेकिन अब तक कोई कार्यवाही न होने पर वह आमरण अनशन के लिए विवश हो गई।
पत्रकार अपूर्वा चौधरी के साथ मधुबन बापूधाम पुलिस के तानाशाही पूर्ण रवैया एवं उत्पीड़न के खिलाफ पत्रकारों ने पुलिस आयुक्त गाजियाबाद के नाम ज्ञापन देते हुए पुलिस आयुक्त से मांग की है कि उक्त प्रकरण निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। ज्ञापन में अपूर्वा चौधरी ने मांग की है कि उनके व उनके पति ललित चौधरी के साथ दुर्व्यवहार करने वाले मधुबन बापूधाम थाना प्रभारी और संबंधित पुलिस कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए।
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वरिष्ठ पत्रकार श्री राम की रिपोर्ट