मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने की घटना के विरोध में अधिवक्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

गाजियाबाद
अखिल भारतीय डॉ. अम्बेडकर अधिवक्ता परिषद ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के न्याय कक्ष में सुनवाई के दौरान एक अधिवक्ता द्वारा जूता फेंकने की घटना की कड़ी निंदा की है। इस घटना के विरोध में परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रतन सिंह एडवोकेट के नेतृत्व में अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधि मंडल जिला मुख्यालय पहुंचा और राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में कहा गया कि यह कृत्य भारतीय संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला है। प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि कुछ राजनीति और सम्प्रदायिक संगठन मिलकर मनुस्मृति लागू करने के लिए संविधान को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं। अधिवक्ताओं ने कहा कि यह घटना प्रजातंत्र को खत्म करने की घृणित कोशिश है।

अधिवक्ताओं ने जम्मू-कश्मीर के लेह-लद्दाख के नेता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का भी विरोध किया और कहा कि सरकार संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए राष्ट्रविरोधी और सांप्रदायिक कृत्यों पर कठोर कार्रवाई करे तथा इस तरह की घटनाओं पर संसद में विशेष कानून बनाया जाए।

इस दौरान अखिल भारतीय डॉक्टर अंबेडकर अधिवक्ता परिषद के महासचिव अमर सिंह भारती, साधना, हेमंत कुमार, नाहर सिंह, जयवीर सिंह, सूरजपाल, सुशील, जाहिद, ललित शर्मा शाहिद बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।

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 वरिष्ठ पत्रकार श्री राम की रिपोर्ट

 

 

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