कथा रंग ने किया साहित्य, कला और संस्कृति की विभूतियों को सम्मानित

डॉ. स्वाति , डॉ. आभा बंसल, डॉ. वंदना कुंअर और भूमिका द्विवेदी को मिला उषा यात्री स्मृति स्वयं सिद्धा पुरस्कार

गाजियाबाद। ‘कथा रंग’ द्वारा आयोजित कथा संवाद और ‘स्वयंसिद्धा’ अलंकरण समारोह को संबोधित करते हुए कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ रचनाकार सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि कहानी को समर्पित यह आयोजन देश में अपने तरीका का ऐसा आयोजन है जो नवांकुरों को निरंतर संवारने का काम कर रहा है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध कथाकार महेंद्र भीष्म ने कहा कि पढ़ना साहित्य सृजन की पहली सीढ़ी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने उस दौर में पढ़ना शुरू किया जब 25 पैसे रोज पर किताब किराए पर मिलती थी। एक लेखक एक पंक्ति लिखने के पहले हजार पंक्तियां पढ़ चुका होता है। उन्होंने कहा की ‘कथा रंग’ एक ऐसा मंच है जहां पढ़ी गई रचनाओं पर निरपेक्ष भाव से चर्चा होती है। ऐसी चर्चाओं से ही नए लिखने वालों का लेखन समृद्ध होता है।

कविनगर रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम की शुरूआत ‘श्रीमती उषा यात्री स्मृति स्वयंसिद्धा’ अलंकरण समारोह से हुई। साहित्य, कला और संस्कृति को समर्पित यह पुरस्कार डॉ. स्वाति चौधरी, डॉ. आभा बंसल और डॉ. भावना कुंअर को प्रदान करते हुए डॉ. माला कपूर ‘गौहर’ ने कहा कि कला, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में ‘कथा रंग’ और यात्री परिवार का योगदान अतुलनीय है। सम्मानित होने वाली विभूतियां में शामिल वरिष्ठ रचनाकार डॉ. स्वाति चौधरी ने कहा कि यह सम्मान उन्हें हमेशा स्वयंसिद्ध होने का एहसास कराता रहेगा।

सुप्रसिद्ध रचनाकार डॉ. भावना कुंअर ने कहा कि यह पुरस्कार प्राप्त होना उनके लिए इसलिए भी गौरव की बात है क्योंकि यह उपलब्धि यात्री और कुंवर बेचैन परिवार के बीच संबंध सेतु को और मजबूत करेगी। सुप्रसिद्ध नृत्यांगना डॉ. आभा बंसल ने कहा कि उन्हें जीवन पर्यंत यात्री परिवार का स्नेह मिलता रहा है, लेकिन स्वयंसिद्धा पुरस्कार उनकी अब तक की उपलब्धियां में मिल का पत्थर साबित होगा।

इस अवसर पर सिनीवाली, प्रताप सिंह व शिवराज सिंह के अलावा किशोर वय के रचनाकार हितेश त्यागी की रचनाओं पर हुए विमर्श में कमलेश भट्ट कमल, सुभाष अखिल, विपिन जैन, योगेश अवस्थी, प्रगीत कुंअर, रजनीकांत शुक्ल, डॉ. वीना मित्तल, अनिल शर्मा, तुलिका सेठ, प्रदीप भट्ट, शकील अहमद सैफ, अरुण कुमार यादव, नूतन यादव व मनीषा गुप्ता ने हिस्सा लिया।

कार्यक्रम का संचालन सुभाष चंदर ने किया। यात्री परिवार की ओर से आलोक यात्री, संध्या यात्री और मेघना यात्री ने आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उपेन्द्र नाथ अश्क लिखित नाटक ‘तौलिए’ का मंचन भी किया गया। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि सुप्रसिद्ध लेखिका एवं उपेंद्र नाथ अश्क की पुत्रवधू भूमिका द्विवेदी ने कहा कि यात्री और अश्क परिवार का अटूट रिश्ता चौथी पीढ़ी तक आ पहुंचा। उन्होंने कहा कि इस संयुक्त पारिवारिक पीढ़ी की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि लेखन दोनों परिवारों की साझा परंपरा है। समग्र भारत नाट्य मंच की प्रस्तुति ‘तौलिए’ का निर्देशन टेकचंद ने किया। जिसमें अंजली, सौरभ कुमार, कविता, निकिता करायत, विजय लक्ष्मी एवं खुशबू ने अभिनय किया। सहयोगियों की भूमिका प्रताप सिंह, मृदुल कुमार, गायत्री, अमित कुमार ने निभाई।

इस अवसर पर प्रभात चौधरी, गुलाब चंद जैन, राष्ट्रवर्धन अरोड़ा, तिलक राज अरोड़ा, कविता अरोड़ा, नूतन यादव, डॉ. राकेश बंसल, राजीव शर्मा, अविनाश शर्मा, अजय मित्तल, सुरेन्द्र शर्मा, सागर अग्रवाल, भूप सिंह पाल, सौरभ कुमार, राजेन्द्र गजवानी,अशोक कौशिक, राजीव कुमार, के. के. जायसवाल, निरुपम वढ़ेरा, आशित त्यागी, जितेन्द्र बच्चन, वीरेन्द्र सिंह राठौर, एकता त्यागी, विनय शर्मा, संजय भदौरिया, बी. डी. अकेला, आशु गोस्वामी, अंजू निगम, के. के. पचौरी, ओंकार सिंह, नीरज कौशिक, उत्कर्ष गर्ग, अंकुर त्यागी, राजेन्द्र गुप्ता, अनिल मोदी व अंकी कश्यप सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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वरिष्ठ पत्रकार श्री राम की रिपोर्ट

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