पहले मरीज का दर्द समझो फिर दवाई दो : डॉ सौरभ
गाजियाबाद। कहते हैं ना कि जिस व्यक्ति या परिवार ने जीवन में कभी डॉक्टर और वकील का मुंह ना देखा हो वह व्यक्ति या परिवार बहुत सुखी होता है। लेकिन फिर भी आजकल की जीवनशैली में कभी ना कभी चाहे अनचाहे डॉक्टर से मुलाकात होना लाजिमी ही है और फिर जब डॉक्टर से मुलाकात हो और वह आपका दुख दर्द को समझे तो ऐसे डॉक्टर को कभी व्यक्ति अपने जीवन में भूलता नहीं है।
ऐसे ही एक डॉक्टर हैं डॉ. सौरभ गुप्ता जो नेहरू नगर स्थित यशोदा अस्पताल में बतोर सीनियर फिजिशियन कार्यरत है। वह एक ऐसे चिकित्सक हैं जिन्हें अस्पताल के बिल से ज्यादा मरीज के दर्द से सरोकार है। इनके इसी व्यवहार के कारण मरीज इनसे मिलकर अपना दुख दर्द भूल जाते हैं।
डॉ सौरभ पहले मरीज का दर्द समझते हैं और उसके बाद उसको दवाई देते हैं। इतने वरिष्ठ चिकित्सक होने के बावजूद भी डॉ सौरभ गुप्ता बहुत ही सरल व्यक्तित्व और मरीजों के प्रति पूर्ण समर्पित हैं। यही करण है कि उनसे मिलते ही मरीज अपना आधा दर्द भूल जाता है। खुद मरीजों का कहना है कि डॉ सौरभ की सबसे बड़ी खासियत है कि वह मरीजों को पूरा समय देते हैं और मरीजों की बात भी पूरे ध्यान से सुनते हैं। मरीज के साथ आने वाले तीमारदारों को भी मरीज से जुड़ी सभी बातें धैर्य से बताते हैं। आज के इस युग मे ऐसे चिकित्सक मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं।
सरल और सौम्य व्यवहार के धनी डॉ सौरभ गुप्ता बताते है कि कोई भी मरीज उनके पास आता है तो उसकी बीमारी को जानना उनका कर्तव्य है। वर्तमान में बदलते लाइफ स्टाइल से लोगों में मधुमेह का रोग तेजी से पनप रहा है। जब कोई मरीज उनके पास अपनी परेशानी लेकर आता है तो उसे पूरा समय देना और उसका उचित उपचार करना भी उनका कर्तव्य है। मधुमेह का आंखों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है और इससे डायबिटिक रेटिनोपैथी कहते हैं। इसमें मरीज को धुंधला दिखाई देना और सब कुछ तैरता हुआ नजर आने लगता है। रंग पहचानने में भी मरीज को परेशानी होती है। इस स्थिति में मरीज को शुगर कंट्रोल रखनी चाहिए और समय समय पर अपने चिकित्सक से इसके बारे में परामर्श लेते रहना चाहिए। मधुमेह के मरीजों को अपने खानपान का भी ध्यान रखना चाहिए।
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वरिष्ठ पत्रकार श्री राम की रिपोर्ट