‘बारादरी’ बन गई है देश की सांस्कृतिक पहचान : मोईन शादाब

एक तो फूल ही काग़ज़ के उठा लाया है, उसपे ये जिद है इन फूलों से खुश्बू आए : खालिद अखलाक गाजियाबाद। ‘बारादरी’ की महफ़िल को गीतकार और शायरों ने अपनी रचनाओं से यादगार बना दिया। मशहूर शायर और कार्यक्रम अध्यक्ष मोईन शादाब ने कहा कि गंगा जमुनी तहजीब की महफ़िल ‘बारादरी’ आज देश की … Read more