जीवन से प्यार करना और शरीर को तंदुरुस्त रखना एक चिकित्सक ही सिखा सकता है : बीके शर्मा हनुमान
गाजियाबाद। डॉक्टर्स डे के अवसर पर प्राइवेट चिकित्सक वेलफेयर एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष ब्रह्मर्षि विभूति बीके शर्मा हनुमान ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर डॉ. आशीष शर्मा एमबीबीएस एमडी शास्त्री नगर को रुद्राक्ष माला, अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह पुष्प हार भेट कर उत्कृष्ट सम्मान से सम्मानित किया। इस अवसर पर बीके शर्मा हनुमान ने बताया कि जब भी कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है, तो वो चिकित्सक के पास ही जाता है, क्योंकि चिकित्सक ही लोगों को छोटी ही नहीं कई गंभीर और खतरनाक बीमारियों से भी बचाते हैं।
चिकित्सक को यूं ही भगवान का दर्जा नहीं दिया जाता है, उसके पीछे उनकी मेहनत साफ नजर आती है। एक व्यक्ति जब किसी भी बीमारी का शिकार होता है, उसके साथ कोई दुर्घटना होती है या फिर किसी गंभीर बीमारी की चपेट में लोग आते हैं। ऐसे मुश्किल भरे वक्त में चिकित्सक ही उन्हें ठीक करते हैं और एक नई जिंदगी देने का काम करते हैं। वहीं, इस बार कोरोना काल में तो चिकित्सक की महत्वता को हर किसी ने पहचाना। दुनिया ने देखा कि कैसे चिकित्सकों ने दिन-रात काम करके मरीजों की जान बचाई।
चिकित्सकों के सम्मान में ही हर साल 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है। ब्रह्मऋषि विभूति बीके शर्मा हनुमान ने यह भी बताया कि दरअसल, भारत में प्राचीन काल से ही वैद्य परंपरा रही है। जैसे- चरक, धनवन्तरि, जीवक, सुश्रुत आदि। वहीं हर साल भारत में चिकित्सक बिधान चंद्र राय के जन्मदिन के रूप में 1 जुलाई को चिकित्सक दिवस मनाया जाता है। यहां आपको बताते चलें कि बिधान चंद्र राय एक महान चिकित्सक के अलावा पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। साल 1991 में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाने की शुरुआत की थी। चिकित्सक बिधान चंद्र राय का जन्मदिन और पुण्यतिथि दोनों ही 1 जुलाई को होती है। इसलिए इस दिन उनके सम्मान में ये दिन मनाया जाता है।
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाने के पीछे के महत्व की बात करें, तो इस दिन चिकित्सकों के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है। साथ ही हमारे जीवन में चिकित्सक का क्या योगदान है इस बात को सराहा जाता है किसी भी व्यक्ति के हर दिन एक से नहीं रहते। अगर वे आज स्वस्थ है, तो कल को बीमार भी हो सकता है। ऐसे में उसे चिकित्सक के पास जाना पड़ता है। चिकित्सक के पास कई ऐसे मरीज भी आते हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि इनकी जान बचाना अब नामुमकिन है, लेकिन चिकित्सक अपने ज्ञान और दवाओं के जरिए उस मरीज को एक नई जिंदगी देते हैं। कोरोना काल जैसे भयानक काल में भी अपनी जान की परवाह किए बगैर अपनी जिम्मेदारी से ऊपर उठकर लाखों-करोड़ों लोगों के जीवन को बचाने का कार्य कोई कैसे भूल सकता है लोगों की जान बचाते बचाते न जाने कितने ही चिकित्सक खुद भी कोरोना संक्रमित हो गए और अपनी जान गवा बैठे थे।
इस अवसर पर राष्ट्रीय संयोजक डॉ एके जैन, राष्ट्रीय महासचिव डॉ सुभाष शर्मा, राकेश कुमार प्रजापति चेयरमैन डॉ लाल पैथ लैब शास्त्री नगर, दीपा चौधरी, तनु वत्स, मृगेंद्र मोनू सेंगर, पूजा रानी तरुण बैसला विनोद कुमार आदि मौजूद थे।
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वरिष्ठ संवाददाता श्री राम की रिपोर्ट