प्राथमिक पायदान पर बच्चों का दोहा व श्लोक में पारंगत होना सुखद है : उर्वशी अग्रवाल
गाजियाबाद। सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल में आयोजित दोहा व श्लोक प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध दोहाकार उर्वशी अग्रवाल ने कहा कि हिंदी साहित्य विविध विधाओं से परिपूर्ण है। दुनिया की किसी भी भाषा के साहित्य में इतनी विविधता देखने को नहीं मिलती जितनी भारतीय साहित्य में मौजूद है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल के बच्चे शिक्षा के प्राथमिक पायदान से ही दोहों और श्लोक के स्मरण व प्रस्तुतिकरण में पारंगत हो रहे हैं।
प्रतियोगियों ने कबीरदास, रहीमदास व तुलसीदास रचित दोहों और भगवत गीता के श्लोकों का वाचन किया।
नेहरू नगर स्थित शाखा में जोश व उत्साह से स्पर्धा में भाग लेने वाले बच्चों ने प्रतियोगिता के माध्यम से कबीरदास व तुलसीदास के दोहों में अंतर को भी जाना।
मुख्य अतिथि उर्वशी अग्रवाल ने हाथों हाथ बच्चों के नाम से ही दोहे सुना कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने दोहे कैसे लिखते हैं इसकी जानकारी भी बच्चों को दी।
ओज के कवि स्वदेश यादव ने अपनी रचनाओं से सभागार का माहौल ही बदल दिया। बच्चों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा ‘वायु को सुगंधित जो करने को पल में ही, पड़ते हैं यज्ञ में वो ही कवि कहे जाते हैं। खुद को जला हैं लेते जग को प्रकाश देते, ऐसे पिंड दुनिया में रवि कहे जाते हैं। दर्पण समाज के हैं झूठ नहीं बोलते हैं, हम ही तो सत्यता की छवि कहे जाते हैं।
इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. माला कपूर ने अपने आशीर्वचनों से बच्चों का उत्साहवर्धन किया और कहा कि इस प्रतियोगिता से बच्चों को अपनी संस्कृति को जानने का अवसर मिल रहा है। स्कूल की निदेशक प्रधानाचार्या तन्वी कपूर गोयल ने कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चों की मेधा का आकलन महज परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर नहीं चाहिए बल्कि उनकी नैसर्गिक प्रतिभा के आधार पर करना चाहिए। अल्पायु में ही बच्चों की पढ़ाई के प्रति आतुर रहने वाले अभिभावकों की ऐसी सोच के प्रति सचेत करते हुए उन्होंने कहा कि अभिभावकों को साक्षरता और शिक्षित होने के अंतर को समझना चाहिए। प्रधान अध्यापिका उमा नवानी ने सभी सभी बच्चों को बधाई दी। कार्यक्रम का संचालन मंजु कौशिक ने किया। इस अवसर पर एकता कोहली, सोनिया सेहरा सहित बड़ी संख्या में अध्यापिकाएं भी उपस्थित थीं।
———————
वरिष्ठ संवाददाता श्रीराम की रिपोर्ट