अमेरिका से आकर परिजनों ने कराया आयोजन – चार कवि व हिंदी संस्कृत के कई विद्यार्थी को किया सम्मानित
गाजियाबाद। जनपद में कवि सम्मेलनों के आयोजन की शुरुआत करने वाले पंडित हर प्रसाद शास्त्री की जयंती पर कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। स्व. शास्त्री जी के परिवार के लगभग 20 लोगों ने अमेरिका से गाजियाबाद आकर इस कार्यक्रम का आयोजन किया।
हर प्रसाद शास्त्री लंबे समय तक गाजियाबाद में श्री सनातन धर्म इंटर कॉलेज और अन्य विद्यालयों में हिंदी के अध्यापक रहे। सन 1955 में उन्होंने पहली बार गाजियाबाद में कवि सम्मेलन का बड़ा आयोजन किया। गाजियाबाद में हिंदी भवन की स्थापना भी उन्होंने ही करवाई। परिवार की तरफ से जयंती के पूरे वर्ष विभिन्न आयोजन किए गए। इसका समापन शनिवार को कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह के साथ हुआ।
पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा, पद्मश्री अशोक चक्रधर, डॉ हरिओम पवार, डाॅ प्रवीण शुक्ल, डॉ सीता सागर अंजू जैन राज कौशिक और मनोज कुमार मनोज ने काव्य पाठ कर श्रोताओं को बार-बार ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। इस अवसर पर कन्या वैदिक इंटर कॉलेज व एमएमएच कॉलेज की 14 छात्राओ को सम्मानित भी किया गया। सम्मानित होने वाली छात्राएं इन्दु गौतम, वंशिका सक्सेना, स्नेहा सिसोदिया, दीपांशी गौतम, पारुल समानिआ, ईशा शर्मा और प्रतिष्ठा आर्यों हैं। वहीं सम्मानित होने वाले छात्र वैभव राठौर, तनिष्क कौशिक, शिवम, शिव कुमार, चन्दन कुमार, त्रिलोक चन्द और विनय शुक्ला हैं।
इन्हे अमेरिका से पधारे स्वर्गीय हरप्रसाद शास्त्री के परिवार के डॉ सत्य प्रकाश प्रकाश शर्मा, डॉ अनिमेष शर्मा, प्रमोद शर्मा, शशि शर्मा, संदीप शर्मा, जितेन्द्र कुमार, गीता शर्मा, सौरभ शर्मा, सचिन शर्मा, सूरज शर्मा, शकुंतला, सुभाष शर्मा, अल्पना शर्मा, किशोर, मधु शर्मा, संजय शर्मा आदि ने सम्मानित किया।
हर प्रसाद शास्त्री जी की स्मृति में चार रचनाकारों को भी सम्मानित किया गया। पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा को डॉ सत्य प्रकाश शर्मा ने, पद्मश्री अशोक चक्रधर को प्रमोद शर्मा ने डा सीता सागर को शकुन्तला शर्मा ने और मनोज कुमार मनोज को संजय शर्मा ने सम्मानित किया।
कार्यक्रम का शुरुआती संचालन राज कौशिक ने और कवि सम्मेलन का संचालन डॉ प्रवीण शुक्ल ने किया। हर प्रसाद चैरिटबल ट्रस्ट के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार, महासचिव ललित जायसवाल, अरुण गर्ग, गीता गर्ग आदि ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।
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वरिष्ठ पत्रकार श्री राम की रिपोर्ट