नहीं रहा भारत का ‘रतन’

टाटा समूह के चेयरमैन और वरिष्ठ उद्योगपति रतन टाटा का निधन

नई दिल्ली। टाटा समूह के चेयरमैन और वरिष्ठ उद्योगपति रतन टाटा ने बुधवार रात इस दुनिया को छोड़ कर चले गए। मुंबई के ब्रिज कैड़ी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से पूरा देश गमगीन है। 86 साल की उम्र में देश और दुनिया को अलविदा कहने वाले रतन टाटा को खराब स्वास्थ्य के चलते मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दो दिन पहले ही उन्होंने अपने स्वास्थ्य पर किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न देने और खुद क स्वस्थ बताया था। रतन टाटा के निधन पर राजनीतिक जगत से कई लोगों ने दुख जताया। इनमें पीएम मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह, राहुल गांधी,योगी आदित्यनाथ, पुष्कर सिंह धामी, हेमंत सोरेन सहित कई दिग्गज शामिल हैं। रतन टाटा को शासकीय सम्मान के साथविदाई दी जाएगी।

रतन टाटा के निधन से देशभर में शोक की लहर है। रतन टाटा उद्योगपति होने के साथ-साथ देशभक्त भी थे उन्होंने देश हित में अनेकों कार्य किये, कोरोना कल में जब लोग अपने घरों के अंदर कैद थे उसे दौरान ऑक्सीजन की कमी पढ़ने के पर उन्होंने अपनी कंपनियों में इस्तेमाल होने वाली ऑक्सीजन जनता के लिए उपलब्ध कराई। वहीं उन्होंने आर्थिक जगत में भारत का नाम आगे बढ़ाया। यूनो की सोच हमेशा देश और युवाओं को आगे बढ़ाने की रही, उन्होंने अनेकों इंस्टिट्यूट में जाकर युवाओं को दिशा देने का कार्य भी किया।


पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्‍मान‍ित थे रतन टाटा

पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्‍मान‍ित भारत के दिग्गज रतन टाटा का जीवन सबके ल‍िए प्रेरणास्रोत रहा। वे कहते थे- मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं करता, मैं निर्णय लेता हूं और फिर उन्हें सही बनाता हूं. शक्ति और धन मेरे दो मुख्य हित नहीं हैं।

रतन टाटा को पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

टाटा समूह के सर्वेसर्वा रहे रटन टाटा को पीएम मोदी, रक्षा मंत्रा राजनाथ सिंह, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित कई लोगों ने श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने लिखा कि रतन टाटा जी एक दूरदर्शी व्यापारी नेता, एक दयालु व्यक्तित्व और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित व्यापार घरों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। साथ ही, उनका योगदान बोर्डरूम से बहुत आगे निकल गया। अपनी विनम्रता, दयालुता और हमारे समाज को बेहतर बनाने के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के कारण उन्होंने कई लोगों का दिल जीता।

कहां हुआ जन्म, कैसे छुआ सफलता का शिखर?

रतन टाटा का जन्म साल 1937 में प्रतिष्ठित टाटा परिवार में हुआ था। रतन टाटा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मुंबई के कैंपियन स्कूल और बाद में जॉन कैनन स्कूल से की। मैनेजमेंट की पढ़ाई हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से की थी। उन्हें उनके अतुलनीय योगदान के लिए पद्म विभूषण, पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। रतन टाटा 1990 से 2012 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन थे। उन्होंने 4 महीने अंतरिम चेयरमैन की भूमिका भी निभाई थी। उनकी उपलब्धियों में 1 लाख रुपये की कार नैनो लॉन्च, फोर्ड समूह की लग्जरी कार बनाने वाली कंपनी जगुआर और लैंड रोवर खरीदना सहित और शामिल हैं। टाटा का मार्केट कैपिटल देश में सबसे अधिक है। यह रतन टाटा द्वारा कंपनी में किए गए बदलावों के कारण ही संभव हुआ।

वरिष्ठ पत्रकार श्री राम की रिपोर्ट 

 

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