नई दिल्ली।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से अलग-अलग हुई मुलाकातों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ा दी है। इन बैठकों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है, और माना जा रहा है कि पार्टी के भीतर किसी बड़े राजनीतिक घटनाक्रम की तैयारी चल रही है।
प्रधानमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री योगी और पीएम मोदी के बीच लगभग एक घंटे तक चली मुलाकात को कई जानकार सामान्य शिष्टाचार से कहीं ज्यादा रणनीतिक मान रहे हैं। इसके तुरंत बाद सीएम योगी ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी भेंट की, जिसने चर्चाओं को और बल दिया है।
क्या हो सकती हैं संभावनाएं?
- भाजपा संगठन में बड़े फेरबदल की तैयारी
- आगामी विधानसभा और लोकसभा उपचुनावों की रणनीति
- केंद्र में मुख्यमंत्री योगी को बड़ी भूमिका देने की अटकलें
- यूपी में कैबिनेट विस्तार या प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी
- मिशन 2027 और 2029 को लेकर रणनीतिक चर्चा
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी की दिल्ली यात्रा केवल विकास योजनाओं की समीक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि पार्टी संगठन में कुछ बड़े बदलावों को लेकर भी विचार-विमर्श चल रहा है। विशेषकर 2024 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की अहम भूमिका को देखते हुए पार्टी नेतृत्व भविष्य की रणनीति पर स्पष्ट निर्णय लेना चाहता है।
विपक्ष की भी नजरें टिक गईं
योगी की इन मुलाकातों को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस समेत विपक्षी दल भी प्रतिक्रिया देने से नहीं चूके हैं। उनका कहना है कि भाजपा अंदरखाने असमंजस की स्थिति में है और नेतृत्व को लेकर मंथन जारी है।
फिलहाल, भाजपा की ओर से इन मुलाकातों को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इतना तय है कि मुख्यमंत्री योगी की दिल्ली दौरे ने राजनीतिक हलकों में नई चर्चा जरूर छेड़ दी है। अगले कुछ दिनों में अगर कोई बड़ा फैसला सामने आता है, तो इन मुलाकातों को उसका आधार माना जाएगा।
राजनीति में हर मुलाकात अपने पीछे कई संकेत छोड़ जाती है, और इस बार संकेत कुछ बड़ा कह रहे हैं।
जैसे-जैसे राजनीतिक तापमान चढ़ेगा, eyes will be on Delhi and Lucknow.
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