हिण्डन पुल की ओर व्यावसायिक और निजी वाहनों का आवागमन रहेगा प्रतिबंधित

गाजियाबाद। आगामी छठ पर्व को देखते हुए यातायात पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद ने सोमवार 27 अक्टूबर दोपहर 2 बजे से लेकर मंगलवार 28 अक्टूबर तड़के 3 बजे तक विशेष ट्रैफिक डायवर्जन योजना लागू करने की घोषणा की है। यह व्यवस्था श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगम आवागमन को ध्यान में रखते हुए की गई है।
व्यावसायिक वाहनों पर प्रतिबंध
कमिश्नरेट गाजियाबाद के अनुसार, नई लिंक रोड (डीपीएस सिद्धार्थ विहार) और नया बस अड्डा/मेरठ तिराहा से हिण्डन पुल की ओर सभी प्रकार के भारी, मध्यम और हल्के व्यावसायिक वाहनों का आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
इसी प्रकार, मोहननगर, कनावनी, भोपुरा तिराहा और हापुड़ चुंगी से हिण्डन पुल की ओर जाने वाले सभी व्यावसायिक वाहनों का भी प्रवेश रोका जाएगा।
इन वाहनों को लिंक रोड, यूपी गेट और एनएच-09 मार्ग से होकर अपने गंतव्य तक जाने के निर्देश दिए गए हैं।
निजी चार पहिया वाहनों पर भी रोक
निजी चार पहिया वाहनों के लिए भी हिण्डन पुल की ओर आने पर प्रतिबंध रहेगा।
- नई लिंक रोड से आने वाले वाहन जल निगम टी-प्वाइंट होकर एनएच-09 का प्रयोग करेंगे।
- मोहननगर से आने वाले वाहन करहेड़ा-नागद्वार-राजनगर एक्सटेंशन मार्ग से अपने गंतव्य तक पहुंचेंगे।
- कनावनी से आने वाले निजी वाहन वसुंधरा मार्ग से होकर जाएंगे।
श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग व्यवस्था
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पार्किंग स्थलों की व्यवस्था भी की गई है—
- मेरठ तिराहा की ओर से आने वाले श्रद्धालु अपने वाहन हिण्डन पुल के पास मोक्ष धाम और इंदिरा प्रियदर्शिनी पार्क में पार्क करेंगे।
- मोहननगर की ओर से आने वाले श्रद्धालु अपने वाहन हज हाउस के पास बनाई गई पार्किंग में खड़े करेंगे और वहां से घाट की ओर जाएंगे।
यातायात नियंत्रण व सूचना
यातायात पुलिस ने आमजन से अपील की है कि वे वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करें और किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए यातायात सलाह का पालन करें।
ट्रैफिक से संबंधित किसी भी सहायता या जानकारी के लिए यातायात पुलिस कंट्रोल रूम से संपर्क किया जा सकता है —
📞 नंबर: 9643322904
या ट्विटर हैंडल @Gzbtrafficpol पर जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
पुलिस उपायुक्त (यातायात), कमिश्नरेट गाजियाबाद ने बताया कि आवश्यकतानुसार डायवर्जन योजना में बदलाव भी किया जा सकता है। श्रद्धालुओं और नागरिकों से सहयोग की अपील की गई है ताकि पर्व शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से संपन्न हो सके।
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