महफ़िल ए बारादरी में शायरों ने टटोली मौजूदा दौर की नब्ज़
‘पड़ोसी, पड़ोसी से है बेख़बर, मगर सबके हाथों में अखबार है’ : शकील जमाली गाजियाबाद। महफिल ए बारादरी कार्यक्रम के अध्यक्ष शकील जमाली ने कहा कि एहसास की अपनी कोई भाषा या शैली नहीं होती है। गम और खुशी किसी भी भाषा में व्यक्त किए जाएं उनका भाव व शैली एक ही होगी। उन्होंने कहा … Read more