प्रभु राम के आदेश पर माता सीता को खोजते हुए लंका पहुॅचें हनुमान

गाजियाबाद। श्री रामलीला समिति, राजनगर में सीता माता की खोज में हनुमान जी समंदर पार करके लंका पहुॅच जाते हैं। उनका पता लगाते लगाते वह अशोक वाटिका में पहुॅच कर माता सीता के आगे प्रभु राम की मुद्रिका गिराते हैं। रावण के दरबारियों द्वारा जब उनकी पूंछ में आग लगाई जाती हैं तो हनुमान लंका को ही आग लगाकर जला डालते हैं।

राजनगर में रामलीला मंचन के दौरान श्री राम के द्वारा हनुमान जी को माता सीता का पता लगानें के लिए भेजा जाता हैं। वह समुद्र पार करके जब लंका की ओर बढ़ रहे हैं तो मैनाक पर्वत उन्हें विश्राम करने के लिए कहता हैं। तब वह कहते हैं – *राम काज कीन्हें बिना मोहे कहां विश्राम*। आगे सुरसा उनके बुद्धि विवेक की परीक्षा लेने के लिए आगे बढ़ती हैं और कहती है कि मैं तुम्हें खा जाऊंगी- तब हनुमान जी छोटा रुप धारण करके उसके मुॅह में घुस कर वापस लौट आते हैं। इस तरह कई बाधाओं को पार करके जब लंका पहुॅचते हैं तो सबसे पहले लंकिनी फिर दूसरे राक्षस उनका रास्ता रोकते हैं। इसी दौरान विभीषण के भवन पर उनकी नजर पहुॅचती है जिस पर राम नाम लिखा है और तुलसी के पौधे लगे हैं।

विभीषण से मिलकर हनुमान उन्हें अपने आने का उद्देश्य बताते हैं ओर उनसे अशोक वाटिका का पता मिलने पर वहां जाते हैं। सीता माता को प्रभु राम की मुद्रिका देते हैं और फिर भूख लगने पर सीता जी अनुमति लेकर खूब फल खाते हैं और वाटिका को तहस नहस देते हैं। जानकारी मिलने पर रावण हनुमान दण्ड देता है और उनकी पूंछ में आग लगा दी जाती हैं। जिससें वह पूरी लंका को जला कर भस्म कर देते हैं। इसी दौरान लंका का राजा रावण अपने भाई विभीषण को अपमानित करता है जिससे विवश होकर वह प्रभु राम की शरण में आते हैं।

इस मौके पर समिति के अध्यक्ष जयकुमार गुप्ता, कोषाध्यक्ष राजीव मोहन गुप्ता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जी पी अग्रवाल एवं अमरीश त्यागी, मेला प्रबंधक एस एन अग्रवाल एवं आलोक मित्तल, ऑडिटर दीपक मित्तल, स्वागताध्यक्ष के.पी .गुप्ता, उपाध्यक्ष आर.के.शर्मा , दीपक सिंघल मोतीलाल गर्ग एवं सुन्दर लाल यादव, मंत्री मुकेश मित्तल, राजीव गुप्ता, प्रचार मंत्री रेखा अग्रवाल एवं सौरभ गर्ग, संयोजक मण्डल में शामिल मदन लाल हरित, बीके अग्रवाल, ओमप्रकाश भोला, सांस्कृतिक मंत्री गोल्डी सहगल एवं विजय लुम्बा, पंकज भारद्वाज सहित राजनगर के कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे|

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वरिष्ठ पत्रकार श्री राम की रिपोर्ट

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