गंगे तव दर्शनात मुक्ति’ अर्थात गंगा के दर्शन मात्र से लोगों की मुक्ति हो जाती है : बीके शर्मा हनुमान
गाजियाबाद। विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा के पीठाधीश्वर ब्रह्मऋषि विभूति बीके शर्मा हनुमान ने उत्तर प्रदेश सरकार की प्रशंसा करते हुए बताया कि प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों तक संगम का जल पहुंचा कर न सिर्फ उनकी भावनाओं का सम्मान किया है बल्कि एक तरह से महाकुंभ को पूर्णता प्रदान कर दी है।
निश्चित रूप से सनातन धर्म में आस्था रखने वाले कैदियों की भी आकांक्षा रही होगी कि वे किसी भी तरह संगम के जल का आचमन कर पाते। ऐसे में उनके लिए अस्थायी तालाब बनाकर उसमें संगम का जल मिलाकर सामूहिक स्नान – का अवसर प्रदान करना उनकी मनोकामना को पूरा करना जैसा रहा।
निश्चित रूप से इस आयोजन से कैदियों को मानसिक शांति मिली होगी और उनमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ होगा, जिसका असर उनकी मनोवृत्ति पर पड़ना स्वाभाविक है। हाथ में गंगा जल लेकर उन्हें अपराध से दूर रहने और समाज के हित में कार्य करने का संकल्प भी दिलाया गया है, जो उनके पूरे जीवन में बदलाव ला सकता है। कैदियों के मानवीय और धार्मिक अधिकारों की रक्षा करना जेल प्रशासन का दायित्व है और इसके लिए किए जाने वाले प्रयासों की सराहना होनी चाहिए। जिस सनातनी समाज में ‘गंगे तव दर्शनात मुक्ति’, अर्थात गंगा के दर्शन मात्र से लोगों की मुक्ति हो जाती है, जैसी मान्यता हो, वहां कैदियों को यह अवसर उपलब्ध कराकर सनातन संस्कृति की मान्यताओं को आगे बढ़ाया है।
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वरिष्ठ पत्रकार श्री राम की रिपोर्ट