योगी ने पिछड़ा के साथ खेला ब्राह्मण कार्ड
सबसे बड़ी जीत पाने वाले सुनील शर्मा भी बने मंत्री
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुनील शर्मा, दारा सिंह चौहान, ओमप्रकाश राजभर, अनिल कुमार को मंत्रिमंडल में शामिल किया है। जिसका शपथ ग्रहण समारोह लखनऊ राजभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की मौजूदगी में हुआ राज्यपाल आनंदी बेन ने मंत्री पद की शपथ ग्रहण कराई।
जिले की साहिबाबाद सीट से विधायक सुनील शर्मा को योगी मंत्रिमंडल में मंत्री बनाया गया है। वह तीसरी बार विधायक हैं और लगातार दूसरी बार साहिबाबाद से जीते हैं। उन्होंने सबसे बड़ी जीत हासिल की थी।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का आज कैबिनेट विस्तार हुआ। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक 4 नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गई । इस कैबिनेट विस्तार में भी भाजपा ने सामाजिक समीकरणों का पूरा ख्याल रखा है। इसके अलावा पूर्वांचल से लेकर पश्चिम तक का बैलेंस भी इसमें दिखा। लिस्ट में पहला नाम ओमप्रकाश राजभर का है और दूसरे नंबर पर आरएलडी के अनिल कुमार हैं, जो मुजफ्फरनगर जिले की पुरकाजी सीट से विधायक हैं। उनके अलावा पिछड़ा वर्ग के नेता दारा सिंह चौहान को भी कैबिनेट में जगह दी गई है।
यही नहीं गाजियाबाद जिले की साहिबाबाद सीट से विधायक सुनील शर्मा को भी मंत्री बनाया गया है। वह तीसरी बार विधायक हैं और लगातार दूसरी बार साहिबाबाद से जीते हैं। उन्होंने 2022 के चुनाव में प्रदेश में सबसे बड़ी जीत हासिल की थी। वह 2 लाख 14 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से विजयी हुए थे। यह देश के चुनावी इतिहास में किसी भी विधायक की ओर से हासिल की गई सबसे बड़ी जीत थी। इससे पहले भी उन्होंने 2017 में अमरपाल शर्मा को करीब डेढ़ लाख मतों से हराया था। ब्राह्मण समुदाय से आने वाले सुनील शर्मा की एक अच्छे वक्ता के तौर पर भी पहचान रही है। 2007 में भी वह गाजियाबाद सदर सीट से विधायक चुने गए थे।
इस तरह भाजपा कैबिनेट विस्तार में सामाजिक समीकरणों को भी साधा गया है। एक तरफ दारा सिंह चौहान और ओपी राजभर जैसे अति पिछड़े नेता कैबिनेट में होंगे तो वहीं दलित समाज के अनिल कुमार और ब्राह्मण नेता सुनील शर्मा को भी मौका दिया गया है। सूत्रों के अनुसार मंत्री बनने वाले नेताओं को फोन कॉल कर लखनऊ बुलाया गया है। गौरतलब है कि गाजियाबाद जिले से फिलहाल कोई अन्य नेता मंत्री नहीं है। योगी के पहले कार्यकाल में यहां से अतुल गर्ग मंत्री थे, लेकिन इस बार उन्हें मौका नहीं मिला। ऐसे में लंबे समय से कयास थे कि जिले के किसी नेता को फिर से कैबिनेट में हिस्सेदारी मिल सकती है।
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वरिष्ठ संवाददाता श्री राम की रिपोर्ट