ना वो पत्रकार ही रहे ना अधिकारी – जो एक दूसरे का सम्मान करते थे

जब धरने पर बैठे पत्रकारों को मनाने जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को आना पडा

गाजियाबाद : यह लगभग तीन दशक पूर्व की बात है बात है जब गाजियाबाद जनपद गढ गंगा मेला आयोजित करता था। उल्लेखनीय है मेले की व्यवस्था हेतु कई जिले की पुलिस फोर्स और अधिकारियों की उसमें तैनाती की जाती है। मुख्य स्नान पर्व की पूर्व संध्या पर प्रशासन द्वारा जनपद के मान्यता प्राप्त पत्रकारों को सरकारी वाहनों से पत्रकार वार्ता के लिए लाया और ले जाया जाता था। जिलाधिकारी की प्रेस कांफ्रेंस के बाद मोटर वोट से मेले का विहंगम दृश्य दिखलाया जाता था ।

ऐसे ही एक मौके पर जब प्रशासन की बस से पत्रकार जा रहे थे तो गढ चौराहे पर नाकाबंदी पर जब पुलिस ने बस को रोका तो रोष में पत्रकार बस से उतर कर जब उन पुलिस कर्मियों को हड़काने उतरने लगे तो सबसे पहले उतरे पत्रकार हेमंत त्यागी से रूड़की से वहां तैनात एएसपी ए.के.जैन ने अभद्रता कर दी। उन्होंने बस पर प्रेस और वाहन पास का स्टीकर देखा नहीं था। उसके बाद जब क्रुद्ध होकर पत्रकारों ने उन्हें पकड लिया तो वह घबरा गये और माफी मांगने लगे।अन्य पुलिस कर्मी किसी तरह से उन्हें वहां से निकाल कर ले गये। मुझे याद है हमारे साथ ओम पाल त्यागी भी थे जो उस समय पत्रकारिता से जुड़े थे, उन्हें तो ए.के.जैन को पकड़कर सबक सिखलाने से बामुश्किल रोका जा सका।

उसके बाद सभी पत्रकार गढ़मुक्तेश्वर थाने के बाहर धरने पर बैठ गए। उस समय वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विभूति नारायण राय थे। उन्हें जब पता चला तो उन्होंने धरना स्थल पर आकर पत्रकारों से इस घटना के लिए माफी मांगी और जिलाधिकारी की प्रेस वार्ता में चलने का अनुरोध किया। जब पत्रकार जिलाधिकारी के समक्ष पहुंचे तो उन्होंने भी सबसे पहले इस घटना पर खेद प्रकट किया और माफी मांगी। बाद में जब वर्षों बाद ए.के.जैन की गाजियाबाद में तैनाती हुई तो उन्होंने सबसे पहले हेमंत त्यागी से मिलने की इच्छा प्रकट की और अनजाने में हुई इस घटना पर खेद प्रकट किया।बाद में वह दोनों मित्र भी बन गये ।

आज हमारे उन साथियों में पत्रकार मधुसूदन दयाल सम्पादक जी (हापुड), शिव कुमार शर्मा (सीकरी कलां ), हरी शंकर शर्मा (मोदीनगर), राजेश नंद पंत ( मोदीनगर) व वी. के. मिश्रा (गाजियाबाद) नहीं हैं, उन्हें नमन करते हैं।

चित्र में सबसे आगे बैठे बायें से पत्रकार रमेश शर्मा, हरिशंकर शर्मा, राकेश पाराशर, राजेश नंद पंत, हेमन्त कुमार,मैं (सुशील कुमार शर्मा), मधुसुदन दयाल जी, वी. के. मिश्रा व शोभा राम भाटी । पीछे की लाइन में हेमन्त त्यागी,विनय संकोची, राज कौशिक,शिव कुमार शर्मा, निरंजन सिघल, सुभाष निगम व धरने के समर्थन में सू.वि. का प्रतिनिधित्व कर रहे गजे सिंह।

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वरिष्ठ पत्रकार सुशील शर्मा

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