कथा रंग कहानी प्रतियोगिता-2023″ के परिणाम घोषित : वंदना वाजपेई ने जलाई जीत की ‘ज्योति’

देश भर के दो दर्जन से अधिक वरिष्ठ व युवा साहित्यकार 13 जुलाई को “साहित्योत्सव” में किए जाएंगे सम्मानित

  गाजियाबाद। ‘कथा रंग कहानी प्रतियोगिता-2023″ के परिणामों की घोषणा करते हुए मुख्य संयोजक आलोक यात्री ने बताया कि स्पर्धा की सर्वश्रेष्ठ कहानी वंदना वाजपेई की “ज्योति” को चुना गया है। जिसे पुरस्कार स्वरूप 11 हजार रुपए का “शिवम कपूर स्मृति प्रेमचंद कथा सम्मान” से अलंकृत किया जाएगा।
 निर्णायक मंडल का आभार व्यक्त करते हुए यात्री ने कहा कि कहानियों की श्रेष्ठता का चयन निसंदेह एक मुश्किल कार्य था, लेकिन चयनकर्ताओं के अथक परिश्रम के बाद इस दुरूह कार्य को अंजाम तक पहुंचाया जा सका। स्पर्धा में शामिल सफल रचनाकारों को 13 जुलाई को आयोजित “कथा रंग साहित्योत्सव एवं अलंकरण समारोह” में सम्मानित किया जाएगा।
 अलोक यात्री ने प्रतियोगिता में शामिल सभी रचनाकारों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पुरस्कृत न होने वालों के लिए यह पीड़ादायक हो सकता है, लेकिन उनके लिए संतोष व हर्ष की बात यह है कि तमाम व्याधियों के बावजूद अधिकांश रचनाओं के मूल्यांकन में साहित्यकार से. रा. यात्री का योगदान भी शामिल है। साथ ही उनकी प्रतिक्रिया भी काबिले गौर है, जिसमें से. रा. यात्री यह कहते हैं कि कहानी प्रतियोगिता सौ-दो सौ मीटर की फर्राटा दौड़ नहीं है। रचना प्रक्रिया एक यात्रा है। जिसका आकलन कभी अपनी अंतिम पराकाष्ठा को प्राप्त नहीं हो सकता।
आलोक यात्री ने बताया कि से. रा. यात्री हमेशा इस बात के पक्षधर रहे हैं कि कहानियों के चयन की प्रक्रिया पर नए सिरे से विमर्श की आवश्यकता है। आलोक यात्री ने अवगत करवाया कि आगामी साहित्योत्सव में कहानियों की चयन प्रक्रिया पर भी नए सिरे से विमर्श किया जाएगा। दिवंगत साहित्यकार से. रा. यात्री की पहल पर ही इस बार पुरस्कारों की संख्या में तीन से चार गुणा की वृद्धि कर दी गई है। इस बार का यह आयोजन. रा. यात्री को ही समर्पित है।
  परिणाम की घोषणा करते हुए उन्होंने अवगत कराया कि द्वितीय स्थान पर आशीष दशोत्तर की ‘गिंडौले’ और दिव्या शर्मा की ‘सात सितारों वाली चुनरी’ चुनी गई है। कहानियों की गुणवत्ता को देखते हुए तृतीय स्थान पर इस बार पांच रचनाओं का चयन किया गया है। जिसमें अरुण अर्णव खरे की ‘दुनिया को तुम्हारी जरूरत नहीं’, सुधा गोयल की ‘तुम कहां हो निन्नी’, तौसीफ बरेलवी की ‘साइंसदानों का कब्रिस्तान’, अनीता रश्मि की ‘इक आग का दरिया है’ और रेणु हुसैन की ‘आलाद्दीन’ शामिल है। इसके अलावा 11 रचनाओं को “कथा रंग सृजन सम्मान” से अलंकृत किया जाएगा।‌ जिनमें हंसा दीप (पाती), राजकुमार सिंह (पार्टी जन हिताय, पार्टी जन सुखाय), डॉ. शिवजी श्रीवास्तव (कहानियां और भी हैं), राम नगीना मौर्य (सबाऊन), ज्योति झा (बंद दरवाजे़), डॉ. वीणा चूंडावत (खुद को तलाशती लड़की), डॉ. रंजना जायसवाल (ऐ लड़की), आभा सिंह (रसीला), एजाजुल हक (एक दिन स्याने होंगे बच्चे), राष्ट्रवर्धन अरोड़ा (जुम्मा) और डॉ. बीना शर्मा (बत्तो) शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त पांच अन्य रचनाकारों डॉ. असलम जमशेदपुरी (बड़े घर की छोटी बेटी), प्रगति गुप्ता (है यह कैसी डगर), शकील अहमद (बबुआ), मनुलक्ष्मी मिश्रा (चल बिटिया घर आपने) और रिंकल शर्मा (कालिया) को “से. रा. यात्री स्मृति कथा गौरव सम्मान” से अलंकृत किया जाएगा। आलोक यात्री ने निर्णायक मंडल में शामिल डॉ. हरियश राय, सुभाष चंदर और विपिन जैन का आभार व्यक्त किया।
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 वारिस संवाददाता श्री राम की रिपोर्ट

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